भारत के महान कोहली ने टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लिया। विराट कोहली ने टेस्ट क्रिकेट से लिया संन्यास: “आसान नहीं था, लेकिन सही लगता है”
Virat Kohli Retires From Test Cricket
विराट कोहली ने टेस्ट क्रिकेट से लिया संन्यास: “आसान नहीं था, लेकिन सही लगा”
भारतीय क्रिकेट के दिग्गज बल्लेबाज़ विराट कोहली ने टेस्ट क्रिकेट से तत्काल प्रभाव से संन्यास लेने की घोषणा कर दी है। यह फैसला उन्होंने इंग्लैंड के खिलाफ 20 जून से शुरू हो रही पांच टेस्ट मैचों की सीरीज़ से पहले लिया है। यह फैसला कप्तान रोहित शर्मा के टेस्ट से संन्यास के कुछ ही दिनों बाद आया है।
36 वर्षीय कोहली ने भारत के लिए 123 टेस्ट खेले हैं, जिसमें उन्होंने 46.85 की औसत से 9,230 रन बनाए हैं। उनके नाम 30 शतक और 31 अर्धशतक दर्ज हैं, जिसमें सर्वोच्च स्कोर 254 रन का रहा है। कोहली का यह फैसला काफी अटकलों के बाद आया, जब बीसीसीआई उन्हें मनाने की कोशिश कर रही थी, लेकिन अंततः वे अपने फैसले पर कायम रहे।
कोहली ने इंस्टाग्राम पर एक भावनात्मक पोस्ट में लिखा:
“टेस्ट क्रिकेट में पहली बार बैगी ब्लू पहनकर खेले हुए 14 साल हो गए हैं। सच कहूं तो मैंने कभी नहीं सोचा था कि यह सफर मुझे कहाँ-कहाँ ले जाएगा। इस फॉर्मेट ने मुझे परखा, मुझे गढ़ा, और मुझे ऐसे सबक सिखाए जो मैं जीवन भर साथ रखूंगा।”
उन्होंने आगे लिखा:
“सफेद जर्सी में खेलने का एक अलग ही निजी एहसास होता है। लंबी मेहनत, थके देने वाले दिन, और वो छोटे-छोटे पल जो कोई नहीं देखता लेकिन जो हमेशा के लिए दिल में बस जाते हैं। इस फॉर्मेट को छोड़ना आसान नहीं है – लेकिन सही लगता है। मैंने इसमें अपना सब कुछ झोंक दिया, और इसने मुझे उससे कहीं ज़्यादा लौटाया जिसकी मैंने कल्पना भी नहीं की थी। मैं इस खेल, अपने साथ खेलने वालों और हर उस व्यक्ति का दिल से आभार व्यक्त करता हूँ जिसने मुझे इस सफर में पहचाना और सराहा। मैं अपने टेस्ट करियर को हमेशा मुस्कान के साथ याद करूंगा।”
“#269, साइनिंग ऑफ़” – कोहली ने इस संदेश के साथ अपनी बात खत्म की।
विराट कोहली को उनके युग के चार महान बल्लेबाज़ों में गिना जाता है — जो रूट (इंग्लैंड), स्टीव स्मिथ (ऑस्ट्रेलिया) और केन विलियमसन (न्यूज़ीलैंड) के साथ। उन्होंने टेस्ट क्रिकेट में भारत की कप्तानी करते हुए 68 टेस्ट में 40 जीत दर्ज कीं, जो उन्हें भारत का सबसे सफल टेस्ट कप्तान बनाता है।
हालांकि, पिछले कुछ वर्षों में उनका प्रदर्शन उतना प्रभावशाली नहीं रहा। नवंबर में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पहला टेस्ट शतक उनके पिछले 16 महीनों में पहला था। 2020 के बाद से खेले गए 39 टेस्ट में वे केवल तीन शतक ही बना सके और इस अवधि में उनका औसत 30.72 रहा।
टेस्ट से संन्यास के साथ कोहली भारत के उन वरिष्ठ खिलाड़ियों की सूची में शामिल हो गए हैं जिन्होंने हाल ही में लंबा प्रारूप छोड़ा है — रविचंद्रन अश्विन (दिसंबर 2024) और रोहित शर्मा (पिछले सप्ताह) पहले ही संन्यास ले चुके हैं। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि तेज गेंदबाज़ मोहम्मद शमी का टेस्ट करियर आगे कैसा रहता है।
विराट कोहली का टेस्ट डेब्यू 2011 में वेस्टइंडीज के खिलाफ: शुरुआत साधारण, लेकिन भविष्य ऐतिहासिक
36 वर्षीय विराट कोहली ने 12 मई 2025 को टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेकर तमाम अटकलों पर विराम लगा दिया। यह बड़ा फैसला भारतीय टेस्ट कप्तान रोहित शर्मा के हालिया संन्यास के कुछ ही दिन बाद आया है। कोहली, जिन्हें उनके प्रशंसक प्यार से ‘किंग कोहली’ कहते हैं, ने सोशल मीडिया पोस्ट में अपने 14 साल के टेस्ट सफर को अलविदा कहा।
टेस्ट डेब्यू की कहानी
विराट कोहली ने टेस्ट क्रिकेट में अपना पदार्पण 20 जून 2011 को वेस्टइंडीज के खिलाफ किंग्स्टन, जमैका में किया था। उस समय वह केवल 22 वर्ष के थे, और भारत हाल ही में 2011 वनडे विश्व कप जीतकर गौरव के शिखर पर था। भारत उस दौरे पर तीन टेस्ट मैचों की सीरीज़ खेलने गया था, जिसमें कोहली ने सभी मुकाबले खेले और भारत ने सीरीज़ 1-0 से जीत ली।
डेब्यू मैच में प्रदर्शन
अपने पहले टेस्ट में विराट कोहली को अनुभवी खिलाड़ियों जैसे राहुल द्रविड़, वीवीएस लक्ष्मण, कप्तान एमएस धोनी और मुरली विजय के साथ खेलने का मौका मिला। कोहली नंबर 5 पर बल्लेबाजी करने उतरे, लेकिन उनका प्रदर्शन व्यक्तिगत रूप से खास नहीं रहा।
पहली पारी:
कोहली ने टेस्ट क्रिकेट में अपनी पहली बाउंड्री फिडेल एडवर्ड्स की गेंद पर लगाई — एक लो फुल टॉस जिसे उन्होंने फाइन लेग की ओर भेजा। लेकिन यह उनका एकमात्र स्कोर रहा, क्योंकि जल्द ही वे एडवर्ड्स की ऑफ स्टंप के बाहर की एक गेंद पर विकेटकीपर कार्लटन बॉ ने कैच कर लिए गए। कोहली केवल 4 रन बनाकर आउट हुए।
दूसरी पारी:
इस बार कोहली ने थोड़ा संघर्ष दिखाया और 54 गेंदों पर 15 रन बनाए, जिसमें दो चौके शामिल थे।
- पहला चौका उन्होंने लेग स्पिनर देवेन्द्र बिशू की गेंद पर पॉइंट क्षेत्र में कट करके लगाया।
- दूसरा चौका कप्तान डैरेन सैमी की गेंद पर शानदार ऑन ड्राइव के रूप में आया।
हालांकि, उनका संघर्ष एक बार फिर फिडेल एडवर्ड्स ने समाप्त कर दिया। इस बार वे लेग साइड में शॉट खेलने की कोशिश में विकेटकीपर को कैच थमा बैठे।
टीम का प्रदर्शन
हालांकि विराट का डेब्यू व्यक्तिगत रूप से कुछ खास नहीं रहा, लेकिन भारत ने यह टेस्ट मैच 63 रन से जीत लिया। यह कैरेबियाई धरती पर भारत की केवल पाँचवीं टेस्ट जीत थी — एक महत्वपूर्ण उपलब्धि।
विराट कोहली का टेस्ट डेब्यू भले ही सादा रहा हो, लेकिन उसी खिलाड़ी ने आगे चलकर 123 टेस्ट में 9230 रन, 30 शतक और 40 टेस्ट जीतों के साथ भारतीय क्रिकेट को नई ऊँचाइयों तक पहुँचाया। यही कोहली की खूबसूरती है — शुरुआत साधारण, लेकिन यात्रा असाधारण।