13-14 जून 2025 की रात को इजरायल और ईरान के बीच तीव्र सैन्य टकराव हुआ, जो उनकी लंबे समय से चली आ रही दुश्मनी में एक महत्वपूर्ण वृद्धि को दर्शाता है। इजरायल ने ईरान की परमाणु सुविधाओं और मिसाइल ठिकानों पर बड़े पैमाने पर हवाई हमले किए, जिसके जवाब में ईरान ने जेरूसलम और तेल अवीव सहित इजरायली शहरों पर बैलिस्टिक मिसाइल और ड्रोन हमले किए। इस हिंसा से भारी जनहानि हुई, बुनियादी ढांचे को नुकसान पहुंचा, और क्षेत्रीय तनाव बढ़ गया, जिसमें वैश्विक नेताओं ने संयम और कूटनीति की अपील की। यह ब्लॉग घटनाओं, मानवीय क्षति, और अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया, जिसमें भारत की मध्यस्थता की संभावित भूमिका शामिल है, का विस्तृत विवरण प्रदान करता है।

घटनाओं का समयरेखा
- 13 जून 2025: इजरायल ने ईरान की परमाणु सुविधाओं, जिसमें नतांज़ यूरेनियम संवर्धन स्थल और इस्फहान न्यूक्लियर टेक्नोलॉजी सेंटर, साथ ही हमदान और तबरेज़ में मिसाइल ठिकानों और हवाई अड्डों पर हवाई हमले शुरू किए। इजरायली रक्षा बलों (IDF) ने छह ईरानी परमाणु वैज्ञानिकों और कई वरिष्ठ सैन्य कमांडरों, जिनमें मेजर जनरल मोहम्मद बघेरी (चीफ ऑफ स्टाफ), होसैन सलामी (IRGC कमांडर), और गोलम अली रशीद (IRGC खातम-अल अंबिया मुख्यालय) शामिल थे, को मारने की सूचना दी। ईरान के संयुक्त राष्ट्र दूत ने 78 लोगों की मृत्यु, जिसमें नागरिक शामिल थे, और 320 से अधिक लोगों के घायल होने की जानकारी दी।
- 14 जून 2025: ईरान ने जवाबी कार्रवाई में इजरायल पर कई बैलिस्टिक मिसाइलों और ड्रोनों की लहरें छोड़ीं। IDF ने 100 से अधिक ड्रोनों और मिसाइलों को रोकने की सूचना दी, लेकिन कुछ ने तेल अवीव और आसपास के क्षेत्रों पर हमला किया, जिसमें कम से कम तीन लोगों की मौत हुई और दर्जनों घायल हुए। जेरूसलम, तेल अवीव, और कब्जे वाले वेस्ट बैंक में विस्फोटों की आवाजें सुनी गईं, और हवाई हमले की चेतावनियों ने लाखों लोगों को बम शेल्टर में जाने के लिए मजबूर किया। तेल अवीव के मध्य में एक ऊंची इमारत और रमात गान में एक अपार्टमेंट ब्लॉक को नुकसान पहुंचा, और एक मिसाइल तेल अवीव के केंद्र के पास एक रिहायशी इमारत से टकराई।
हताहत और नुकसान
- इजरायल: कम से कम तीन लोगों की मौत की सूचना मिली: मध्य इजरायल में एक 60 वर्षीय महिला और एक 40 वर्षीय पुरुष की मौत हुई, और तेल अवीव के उपनगर में चोटों से एक अन्य महिला की मृत्यु हो गई। इजरायल की आपातकालीन सेवा मागेन डेविड एडोम ने 34-40 लोगों के घायल होने की सूचना दी, जिसमें दो की हालत गंभीर थी और अन्य को हल्की से मध्यम चोटें आईं। नुकसान में तेल अवीव में एक ऊंची रिहायशी इमारत, रमात गान में एक अपार्टमेंट ब्लॉक, और उत्तरी इजरायल में मिसाइल के टुकड़ों से लगी आग शामिल थी।
- ईरान: ईरान के संयुक्त राष्ट्र दूत ने 78 लोगों की मृत्यु की सूचना दी, जिसमें वरिष्ठ सैन्य अधिकारी और नागरिक शामिल थे, और 320 से अधिक लोग घायल हुए, जिनमें ज्यादातर नागरिक थे। हमलों ने तेहरान के मेहराबाद हवाई अड्डे (जो एक वायुसेना बेस का घर है) को निशाना बनाया, जिससे विस्फोट और आग लग गई, और नतांज़ परमाणु सुविधा का जमीन के ऊपर का संवर्धन संयंत्र नष्ट हो गया। तेहरान के हकीमियेह और तेहरानपार्स मोहल्लों में भी विस्फोटों की खबरें थीं।
- क्षेत्रीय प्रभाव: यमन से एक हूती मिसाइल वेस्ट बैंक के एक फिलिस्तीनी शहर में गिरी, और ईरानी ड्रोनों को जूडिया और मृत सागर के ऊपर रोका गया। इजरायल का बेन गुरियन हवाई अड्डा बंद है, जिससे हवाई यात्रा बाधित हो रही है।
सैन्य कार्रवाइयां
- इजरायल का हमला: IDF ने ईरान के परमाणु सुविधाओं, बैलिस्टिक मिसाइल कारखानों, और हवाई रक्षा प्रणालियों पर लगातार हवाई हमले किए। प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा कि इस ऑपरेशन का उद्देश्य “ईरान की परमाणु बुनियादी ढांचे और सैन्य क्षमताओं को नुकसान पहुंचाना” था और यह “केवल शुरुआत” थी ताकि ईरान को परमाणु हथियार विकसित करने से रोका जा सके। IDF ने अमेरिकी बलों के समर्थन से एरो मिसाइल रक्षा प्रणाली का उपयोग करके ईरानी ड्रोनों और मिसाइलों को रोका।
- ईरान की जवाबी कार्रवाई: ईरान के इस्लामिक रिवॉल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (IRGC) ने इजरायली सैन्य और आर्थिक बुनियादी ढांचे को निशाना बनाकर 100 से अधिक बैलिस्टिक मिसाइलें और ड्रोन लॉन्च किए। सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई ने “कठोर जवाब” देने की कसम खाई, और ईरान ने वरिष्ठ नेताओं की मृत्यु के बाद हबीबुल्लाह सय्यारी को नया सशस्त्र बल प्रमुख और अहमद वहिदी को IRGC कमांडर नियुक्त किया। ईरान के संयुक्त राष्ट्र दूत, अमीर सईद इरावानी ने इन हमलों को इजरायल के “बर्बर हमलों” का जवाब बताया।
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया
- संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेस: गुटेरेस ने इस वृद्धि की निंदा की और कहा, “इजरायल का ईरानी परमाणु स्थलों पर बमबारी। तेल अवीव में ईरानी मिसाइल हमले। अब बहुत हो गया। रुकने का समय है। शांति और कूटनीति को प्रबल होना चाहिए।” उन्होंने परमाणु सुविधाओं पर हमलों पर चिंता व्यक्त की और अधिकतम संयम की अपील की ताकि व्यापक संघर्ष टाला जा सके।
- संयुक्त राज्य अमेरिका: अमेरिका ने इजरायल को ईरानी मिसाइलों को रोकने में मदद की लेकिन इजरायल के हमलों में प्रत्यक्ष भागीदारी से इनकार किया। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने ईरान को अपने परमाणु कार्यक्रम पर बातचीत करने का आग्रह किया, चेतावनी दी कि बातचीत विफल होने पर इजरायल के हमले “और क्रूर” होंगे। अमेरिका ने रक्षात्मक भूमिका पर जोर दिया, और पेंटागन अधिकारियों ने पुष्टि की कि कोई अमेरिकी कर्मी घायल नहीं हुआ।
- यूरोपीय नेता: यूरोपीय संघ आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन और फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन ने डी-एस्केलेशन की मांग की, वॉन डेर लेयेन ने इजरायल के आत्मरक्षा के अधिकार की पुष्टि करते हुए संयम का आग्रह किया। नाटो महासचिव मार्क रटे ने इजरायल की कार्रवाइयों को एकतरफा बताया लेकिन कहा कि क्षेत्र परमाणु संघर्ष के करीब नहीं है।
- रूस और चीन: रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने मध्यस्थता की पेशकश की, इजरायल के हमलों की निंदा की और कूटनीति का आग्रह किया। चीन के संयुक्त राष्ट्र राजदूत फू कांग ने इजरायल के ईरान की संप्रभुता के उल्लंघन की निंदा की और जोखिम भरी सैन्य कार्रवाइयों को तत्काल रोकने की मांग की।
- भारत की संभावित भूमिका: इजरायल के भारत में राजदूत रूवेन अज़र ने दोनों देशों के साथ भारत के कूटनीतिक संबंधों के कारण मध्यस्थता की संभावना पर प्रकाश डाला। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के बीच बातचीत के बाद, अज़र ने कहा, “भारत के पास दोनों पक्षों के साथ संवाद के रास्ते हैं… हम आपकी चिंताओं को ध्यान से सुनते हैं।” भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने पहले पश्चिम एशिया में वृद्धि से बचने पर जोर दिया था।
क्षेत्रीय और वैश्विक प्रभाव
इन हमलों ने व्यापक क्षेत्रीय संघर्ष की आशंका को बढ़ा दिया है, खासकर ईरान की परमाणु सुविधाओं को निशाना बनाने के कारण, जिन्हें अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) “कभी हमला नहीं करना चाहिए” कहती है। ईरान के कमजोर क्षेत्रीय सहयोगी, जैसे हिजबुल्लाह और हमास, इसकी जवाबी कार्रवाइयों को सीमित करते हैं, लेकिन प्रमुख सैन्य और परमाणु बुनियादी ढांचे का विनाश ने ईरान में आंतरिक अशांति को बढ़ाया है। इजरायल के हवाई क्षेत्र का बंद होना और तेहरान के मेहराबाद हवाई अड्डे पर व्यवधान तत्काल आर्थिक और लॉजिस्टिक प्रभावों को रेखांकित करते हैं। तेल उत्पादक क्षेत्र में और वृद्धि की आशंका से कच्चे तेल की कीमतों में उछाल आया, हालांकि OPEC ने आपूर्ति में तत्काल बदलाव की कोई रिपोर्ट नहीं दी।
निष्कर्ष
जून 2025 का इजरायल-ईरान संघर्ष एक खतरनाक वृद्धि का प्रतीक है, जिसमें दोनों देशों ने विनाशकारी हमले किए जिनमें दर्जनों लोग मारे गए और सैकड़ों घायल हुए। परमाणु सुविधाओं और नागरिक क्षेत्रों को निशाना बनाने से संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेस जैसे नेताओं की ओर से वैश्विक निंदा और डी-एस्केलेशन की तत्काल अपील हुई। भारत की मध्यस्थता की संभावित भूमिका कूटनीतिक समाधान की उम्मीद देती है, लेकिन क्षेत्र तनावग्रस्त बना हुआ है। जैसे-जैसे जांच जारी है और दोनों पक्ष और कार्रवाइयों की तैयारी कर रहे हैं, अंतरराष्ट्रीय समुदाय शांति की अपील करते हुए बारीकी से निगरानी कर रहा है ताकि व्यापक मध्य पूर्व संघर्ष को रोका जा सके। हमारी संवेदनाएं पीड़ितों और उनके परिवारों के साथ हैं।
डिस्क्लेमर: यह लेख विभिन्न समाचार स्रोतों और सार्वजनिक रूप से उपलब्ध जानकारी पर आधारित है। जानकारी की सटीकता की गारंटी नहीं दी जा सकती, क्योंकि जांच जारी है। पाठकों को सलाह दी जाती है कि वे अधिक जानकारी के लिए विश्वसनीय स्रोतों का सहारा लें।
स्रोत: बीबीसी न्यूज़, रॉयटर्स, द टाइम्स ऑफ इजरायल, इंडिया टुडे