अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने पाकिस्तान को $1 अरब की किश्त जारी की है।
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भारत की आपत्ति के बावजूद IMF approves $1 billion loan for Pakistan.
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) द्वारा पाकिस्तान को एक अरब डॉलर की नई किश्त जारी करने का निर्णय ऐसे समय में आया है जब भारत ने इस फैसले पर आपत्ति जताई थी। भारत ने IMF से अपील की थी कि पाकिस्तान को दिए जा रहे ऋणों की समीक्षा की जाए, क्योंकि वह लगातार भारत विरोधी सीमा पार आतंकवाद का समर्थन करता आ रहा है।

पाकिस्तान सरकार ने शुक्रवार को जानकारी दी कि IMF के कार्यकारी बोर्ड ने 7 अरब डॉलर के कार्यक्रम की पहली समीक्षा को मंजूरी दे दी है, जिससे देश को एक अरब डॉलर की नकद सहायता मिल गई है। यह सहायता ऐसे समय में मिली है जब 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले को लेकर भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर है।
प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) की ओर से जारी बयान में कहा गया, “प्रधानमंत्री मोहम्मद शहबाज़ शरीफ ने IMF द्वारा पाकिस्तान के लिए एक अरब डॉलर की किश्त को मंजूरी दिए जाने पर संतोष व्यक्त किया है।”
इस मंजूरी के साथ IMF के कुल वितरित धन की राशि 2 अरब डॉलर हो चुकी है, जो कि 7 अरब डॉलर के व्यापक पैकेज का हिस्सा है। यह फैसला ऐसे वक्त आया है जब भारत ने IMF को आगाह किया था कि पाकिस्तान को मिलने वाली राशि का दुरुपयोग सीमापार प्रायोजित आतंकवाद में हो सकता है।
Reuters की रिपोर्ट के अनुसार, IMF और पाकिस्तान सरकार के बीच इस बेलआउट पैकेज को लेकर स्टाफ-स्तरीय सहमति उस समय बन गई थी, जब भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव इतना नहीं था। हालांकि IMF ने इस मंजूरी के बाद मीडिया की ओर से की गई प्रतिक्रिया की मांग पर कोई टिप्पणी नहीं की।
भारत ने जताई सख्त आपत्ति, IMF बोर्ड में दर्ज कराया विरोध
IMF की इस मंजूरी से पहले भारत सरकार ने शुक्रवार को IMF के प्रस्ताव पर कड़ा विरोध जताया। प्रस्ताव के अनुसार पाकिस्तान को 2.3 अरब डॉलर की नई सहायता दी जानी थी—जिसमें 1 अरब डॉलर का “एक्सटेंडेड फंड फैसिलिटी” (EFF) और 1.3 अरब डॉलर का “रेज़िलिएंस एंड सस्टेनेबिलिटी फैसिलिटी” (RSF) शामिल था।
भारत सरकार ने IMF बोर्ड में स्पष्ट किया कि “सीमापार आतंकवाद को प्रोत्साहन देने वाले देश को वित्तीय सहायता देना अंतरराष्ट्रीय समुदाय को खतरनाक संदेश देता है। यह वैश्विक मूल्यों का उपहास है और फंडिंग एजेंसियों की प्रतिष्ठा को भी जोखिम में डालता है।”
भारत ने यह भी चेताया कि IMF जैसी अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संस्थाओं से आने वाली धनराशि का इस्तेमाल पाकिस्तान सैन्य और आतंकी गतिविधियों के लिए कर सकता है, जो वैश्विक सुरक्षा के लिए एक गंभीर चुनौती है।
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने अपने 7 अरब डॉलर के विस्तारित निधि सुविधा (EFF) कार्यक्रम की समीक्षा करते हुए पाकिस्तान को $1 अरब की अतिरिक्त राशि जारी कर दी है। इस मंजूरी के बाद IMF अब तक पाकिस्तान को कुल $2.1 अरब की राशि दे चुका है। यह निर्णय ऐसे समय में आया है जब भारत ने पाकिस्तान की आतंकवाद समर्थक नीतियों को देखते हुए IMF से इस मदद पर पुनर्विचार करने की मांग की थी।
IMF की कार्यकारी बोर्ड, जिसमें 25 निदेशक शामिल हैं, इस निर्णय को लेकर एकमत नहीं थी। भारत ने विरोध दर्ज कराते हुए वोटिंग से दूरी बनाई क्योंकि IMF की नीति में किसी प्रस्ताव के विरोध में ‘न’ में वोट देने का विकल्प नहीं होता, केवल समर्थन या मतदान से दूरी बनाई जा सकती है।
भारत के वित्त मंत्रालय ने IMF बैठक के बाद बयान जारी कर कहा, “पाकिस्तान का IMF कार्यक्रमों के पालन में रिकॉर्ड बेहद खराब रहा है। 1989 से अब तक के 35 वर्षों में पाकिस्तान 28 वर्षों तक IMF से ऋण लेता रहा है। केवल पिछले 5 वर्षों में ही पाकिस्तान ने 4 बार IMF से सहायता ली है, जो उसकी अस्थिर आर्थिक नीति को दर्शाता है।”
भारत ने यह भी चिंता जताई कि IMF जैसी संस्थाओं से मिलने वाली धनराशि का दुरुपयोग सैन्य और सीमा-पार आतंकवादी गतिविधियों के लिए किया जा सकता है, जो वैश्विक मूल्यों और वित्तीय संस्थाओं की साख के लिए खतरा है।
IMF का पक्ष: पाकिस्तान ने दिखाई सुधार की दिशा में प्रगति
IMF ने अपने बयान में कहा कि पाकिस्तान ने EFF के तहत वित्तीय अनुशासन दिखाया है। FY2025 की पहली छमाही में देश ने GDP के 2% के बराबर प्राथमिक राजकोषीय अधिशेष हासिल किया है। अप्रैल में महंगाई 0.3% तक गिर गई, और विदेशी मुद्रा भंडार $9.4 अरब से बढ़कर $10.3 अरब हो गया है, जो जून 2025 तक $13.9 अरब तक पहुंचने की उम्मीद है।
IMF के उप प्रबंध निदेशक नाइजल क्लार्क ने कहा, “पाकिस्तान ने कठिन परिस्थितियों के बावजूद मैक्रोइकोनॉमिक स्थिरता बहाल करने में महत्वपूर्ण प्रगति की है। हालांकि, वैश्विक अनिश्चितताएं, घरेलू कमजोरियाँ और भू-राजनीतिक तनाव अब भी गंभीर जोखिम बने हुए हैं।”
RSF के तहत जलवायु परिवर्तन से निपटने की तैयारी
IMF का Resilience and Sustainability Facility (RSF) कार्यक्रम पाकिस्तान को जलवायु परिवर्तन और आपदा प्रबंधन से संबंधित सुधारों में सहयोग देगा। इसके तहत जल संसाधनों का बेहतर प्रबंधन, वित्तीय संस्थानों द्वारा जलवायु जोखिम का खुलासा और अंतरराष्ट्रीय पर्यावरणीय प्रतिबद्धताओं में सहयोग शामिल है।
ओमर अब्दुल्ला ने IMF द्वारा पाकिस्तान को $1 अरब की मदद पर जताई कड़ी आपत्ति
जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री ओमर अब्दुल्ला ने अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) द्वारा पाकिस्तान को $1 अरब की नई ऋण सहायता मंजूर किए जाने पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। यह बयान ऐसे समय आया है जब भारत और पाकिस्तान के बीच सीमा पर तनाव लगातार बढ़ रहा है।
ओमर अब्दुल्ला ने X (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा:
“मुझे समझ नहीं आता कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय कैसे सोचता है कि उपमहाद्वीप में तनाव कम होगा, जब IMF पाकिस्तान को उन हथियारों के लिए मुआवज़ा देता है जिनसे वह पूंछ, राजौरी, उरी, तंगधार और कई अन्य इलाकों में तबाही मचा रहा है।”
उनका यह बयान IMF के उस फैसले के कुछ घंटों बाद आया जिसमें पाकिस्तान को 7 अरब डॉलर के EFF कार्यक्रम के तहत एक और अरब डॉलर की किश्त जारी की गई है। भारत ने पहले ही इस फैसले पर आपत्ति जताते हुए कहा था कि पाकिस्तान इस सहायता राशि का दुरुपयोग आतंकवादी गतिविधियों और सीमा पार हमलों के लिए कर सकता है।