पर्यटन क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार की नई पहल, 116 पर्यटन स्थलों को मिली मंजूरी!
Table of Contents ( Swadesh Darshan Scheme)
Swadesh Darshan Scheme : स्वदेश दर्शन योजना
भारत सरकार ने देश भर में 116 नए पर्यटन स्थलों को मंजूरी देकर पर्यटन क्षेत्र को बढ़ावा देने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया है। इस पहल का उद्देश्य देश के विभिन्न हिस्सों में पर्यटन को बढ़ावा देना, स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूत करना और रोजगार के नए अवसर पैदा करना है। यह योजना पर्यटकों को भारत की समृद्ध सांस्कृतिक, ऐतिहासिक और प्राकृतिक विरासत का अनुभव करने का एक शानदार अवसर प्रदान करेगी।
योजना का उद्देश्य
- पर्यटन को बढ़ावा: देश के कम ज्ञात लेकिन सुंदर स्थलों को पर्यटन मानचित्र पर लाना।
- स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूत करना: पर्यटन के माध्यम से स्थानीय व्यवसायों और हस्तशिल्प को बढ़ावा देना।
- रोजगार के अवसर: पर्यटन से जुड़े व्यवसायों में नए रोजगार के अवसर पैदा करना।
- बुनियादी ढांचे का विकास: इन स्थलों पर बेहतर सड़क, होटल और अन्य सुविधाओं का निर्माण करना।
मुख्य विशेषताएं
- विविधता: ये 116 स्थल देश के विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में फैले हुए हैं, जो प्राकृतिक सौंदर्य, ऐतिहासिक महत्व और सांस्कृतिक विरासत को प्रदर्शित करते हैं।
- स्थानीय संस्कृति को प्रोत्साहन: इन स्थलों को विकसित करने के साथ-साथ स्थानीय संस्कृति, कला और हस्तशिल्प को भी बढ़ावा दिया जाएगा।
- पर्यावरणीय स्थिरता: पर्यटन विकास के दौरान पर्यावरण संरक्षण पर भी ध्यान दिया जाएगा।
कुछ प्रमुख स्थल
इन 116 स्थलों में से कुछ प्रमुख स्थलों में शामिल हैं:
- हिमाचल प्रदेश: प्राकृतिक सौंदर्य और ट्रैकिंग के लिए प्रसिद्ध स्थल।
- राजस्थान: ऐतिहासिक किले और महलों के साथ-साथ रेगिस्तानी अनुभव।
- केरल: बैकवाटर और आयुर्वेदिक पर्यटन के लिए आदर्श स्थल।
- उत्तराखंड: तीर्थयात्रा और एडवेंचर टूरिज्म के लिए प्रसिद्ध स्थल।
- पूर्वोत्तर भारत: प्राकृतिक सौंदर्य और जनजातीय संस्कृति का अनूठा मिश्रण।
116 नए पर्यटन स्थलों को मंजूरी देकर भारत सरकार ने पर्यटन क्षेत्र को एक नई दिशा देने का प्रयास किया है। यह पहल न केवल पर्यटकों को देश की समृद्ध विरासत का अनुभव करने का अवसर प्रदान करेगी, बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी मजबूत करेगी। इसके साथ ही, यह योजना रोजगार के नए अवसर पैदा करने और देश के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने में भी मददगार साबित होगी।
केंद्र सरकार ने देशभर में 116 नए पर्यटन स्थलों के विकास को मंजूरी दी है। ये स्थल विभिन्न योजनाओं के तहत ₹4,088 करोड़ की लागत से विकसित किए जाएंगे। ये परियोजनाएं राज्य सरकारों के सहयोग से पूरी की जाएंगी।
इनमें से 34 पर्यटन स्थलों को स्वदेश दर्शन 2.0 योजना के तहत, 42 स्थलों को चैलेंज बेस्ड डेस्टिनेशन डेवलपमेंट (CBDD) योजना के तहत और 40 पर्यटन स्थलों को राज्यों को पूंजीगत निवेश हेतु विशेष सहायता (SASCI) के तहत विकसित किया जाएगा।
स्वदेश दर्शन योजना और उसका विस्तार
स्वदेश दर्शन योजना, केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय की एक प्रमुख पहल है, जिसका उद्देश्य थीम-आधारित पर्यटन स्थलों का विकास करना और राज्य सरकारों को पर्यटन अवसंरचना विकसित करने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करना है। इसे स्वदेश दर्शन 2.0 (SD2.0) के रूप में पुनः डिज़ाइन किया गया है, जिसका उद्देश्य स्थायी पर्यटन स्थलों का विकास करना है।
इसके अंतर्गत CBDD उप-योजना भी बनाई गई है, जो पर्यटन स्थलों के समग्र विकास पर केंद्रित है ताकि पर्यटकों के अनुभव को बेहतर बनाया जा सके।
SASCI योजना के तहत 23 राज्यों में 40 पर्यटन स्थलों का विकास

इसके अलावा, केंद्र सरकार ने केंद्रीय वित्त मंत्रालय के माध्यम से वित्तीय वर्ष 2024-25 में 23 राज्यों में 40 परियोजनाओं के लिए ₹3,295.76 करोड़ की स्वीकृति दी है। इस योजना का उद्देश्य देश में प्रमुख पर्यटन स्थलों को वैश्विक स्तर पर विकसित करना, उनकी ब्रांडिंग और प्रचार-प्रसार को बढ़ावा देना है।
इस सप्ताह संसद में केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने यह जानकारी दी।
आदिवासी होमस्टे को भी बढ़ावा
स्वदेश दर्शन योजना के तहत, प्रधानमंत्री जनजातीय उन्नत ग्राम अभियान के अंतर्गत 1,000 आदिवासी होमस्टे विकसित करने की मंजूरी भी दी गई है। इसके लिए नई निर्माण परियोजनाओं के लिए ₹5 लाख प्रति इकाई, नवीनीकरण के लिए ₹3 लाख प्रति इकाई और सामुदायिक आवश्यकताओं के लिए ₹5 लाख की सहायता दी जाएगी।
पर्यटन क्षेत्र में कौशल विकास कार्यक्रम
पर्यटन मंत्रालय देशभर में, विशेष रूप से बिहार जैसे राज्यों में, अल्पकालिक कौशल विकास कार्यक्रम भी चला रहा है। इसका उद्देश्य पर्यटन सेवा प्रदाताओं को प्रशिक्षित करना और उन्हें रोजगार योग्य बनाना है ताकि देश की पर्यटन क्षमता का अधिकतम लाभ उठाया जा सके।
₹3,295 करोड़ की सहायता राशि से पर्यटन स्थलों का विस्तार
केंद्र सरकार ने राज्यों को ₹3,295 करोड़ के ब्याज मुक्त ऋण प्रदान किए हैं ताकि वे अपने पर्यटन स्थलों का विस्तार और पर्यटन से जुड़ी अवसंरचना का विकास कर सकें।
इस योजना के तहत, उत्तर प्रदेश के बटेश्वर, गोवा के पॉन्डा, आंध्र प्रदेश के गांडिकोटा और गुजरात के पोरबंदर जैसे कम प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों को विकसित करने के लिए प्रोत्साहित किया गया है।
परियोजनाओं की निगरानी और क्रियान्वयन
वित्त मंत्रालय के व्यय विभाग द्वारा मंजूरी मिलने के बाद, पर्यटन मंत्रालय ने SASCI योजना के लिए परिचालन दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इस योजना के तहत राज्यों को 50 वर्षों के लिए ब्याज मुक्त ऋण दिया जाएगा ताकि वे पर्यटन स्थलों को वैश्विक स्तर पर विकसित कर सकें।
केंद्रीय पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि इस योजना से स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा और सतत पर्यटन परियोजनाओं के माध्यम से रोजगार के अवसर भी सृजित होंगे।
राज्य सरकारों से 87 परियोजनाओं के प्रस्ताव प्राप्त हुए थे, जिनकी अनुमानित लागत ₹8,000 करोड़ थी। इनमें से 40 परियोजनाओं को चुना गया, जिनका विकास ₹3,295.76 करोड़ की लागत से किया जाएगा। पश्चिम बंगाल एकमात्र राज्य था जिसने कोई प्रस्ताव नहीं भेजा।
योजना के कार्यान्वयन की समयसीमा
राज्य सरकारें इन परियोजनाओं को लागू करेंगी और उनके संचालन और प्रबंधन की व्यवस्था करेंगी। परियोजनाओं के लिए भूमि राज्य सरकारें प्रदान करेंगी।
वित्त मंत्रालय द्वारा 66% राशि पहले किस्त के रूप में जारी की जाएगी, और पर्यटन मंत्रालय इन परियोजनाओं की प्रगति की निगरानी करेगा। राज्यों को दो वर्षों में इन परियोजनाओं को पूरा करने का लक्ष्य दिया गया है।
पर्यटन स्थलों पर भीड़भाड़ कम करने की योजना
पर्यटन मंत्रालय लोकप्रिय पर्यटन स्थलों पर भीड़भाड़ को कम करने के लिए राज्यों को वैकल्पिक स्थानों को विकसित करने के लिए प्रोत्साहित कर रहा है।
इसके अलावा, मंत्रालय ने वैश्विक आतिथ्य कंपनियों के साथ समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए हैं ताकि भारतीय युवाओं को पर्यटन क्षेत्र में प्रशिक्षित किया जा सके। प्रशिक्षण पूरा करने के बाद, इन युवाओं को इन्हीं होटल श्रृंखलाओं में रोजगार मिल सकेगा।