एक दिन पहले, महाना ने बताया था कि उन्हें जानकारी मिली थी कि किसी के पान मसाला थूकने के कारण कालीन गंदा हो गया था और इसे हाथ से साफ करना पड़ा।
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उत्तर प्रदेश विधानसभा में पान मसाला और गुटखा पर प्रतिबंध
उत्तर प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने कार्यवाही की शुरुआत में यह संकेत दिया कि किसी ने विधानसभा के एक प्रवेश द्वार पर पान मसाला थूका था। इसके एक दिन बाद, उन्होंने विधानसभा परिसर में पान मसाला और गुटखा (तंबाकू) के उपयोग पर तत्काल प्रतिबंध लगाने की घोषणा की। साथ ही, इस नियम का उल्लंघन करने पर, चाहे वह विधायक हो, अधिकारी हो या स्टाफ सदस्य, ₹1,000 का जुर्माना लगाया जाएगा।

एक दिन पहले, महाना ने यह भी बताया था कि उन्हें जानकारी मिली थी कि किसी ने पान मसाला थूक दिया था, जिससे कालीन गंदा हो गया था और इसे हाथ से साफ करना पड़ा। उन्होंने सदन को सूचित किया कि हालांकि संबंधित व्यक्ति की पहचान सीसीटीवी फुटेज में हो गई है, लेकिन वे उसका नाम उजागर नहीं करेंगे।
वंदे मातरम के सम्मान में खड़े न होने पर नाराजगी
सदन में अध्यक्ष ने यह भी बताया कि कुछ विधायकों द्वारा वंदे मातरम के पाठ के दौरान अपनी-अपनी लॉबी में खड़े न होने की शिकायतें मिली हैं। उन्होंने कहा कि सीसीटीवी रिपोर्ट से यह स्पष्ट हो गया है कि कौन-कौन सदस्य इस दौरान खड़े नहीं हुए। उन्होंने इसे संविधान के प्रति प्रतिबद्धता के उल्लंघन के रूप में देखा और सभी विधायकों से अनुरोध किया कि भविष्य में इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।
फर्जी वाहन पासों पर कड़ी निगरानी
महाना ने सदन को यह भी बताया कि फर्जी वाहन पासों के उपयोग और विधायकों को जारी किए गए पासों का दुरुपयोग होने की घटनाएं सामने आई हैं। इस मामले की जांच गृह विभाग को सौंपी गई है। उन्होंने कहा कि प्रत्येक विधायक को दो पास दिए जाने के बावजूद कुछ फर्जी पास उपयोग किए जा रहे हैं। सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए, अप्रैल के अंत तक आरएफआईडी युक्त पास जारी किए जाएंगे और मैन्युअली जारी किए गए पास रद्द कर दिए जाएंगे।
उन्होंने यह भी सूचित किया कि सभी विधायकों के लिए डिजिटल पहचान पत्र तैयार किए गए हैं।
विधानसभा में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) का उपयोग
विधानसभा अध्यक्ष ने जानकारी दी कि आगामी वित्तीय वर्ष में उत्तर प्रदेश विधानसभा में “कृत्रिम बुद्धिमत्ता-सक्षम कार्य प्रणाली” को लागू किया जाएगा।
सत्र स्थगित, कुल कार्यवाही का समय
बुधवार को उत्तर प्रदेश विधानसभा के 2025 के पहले सत्र को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया। इस दौरान सदन की कुल कार्यवाही का समय 72 घंटे और 56 मिनट रहा। दस उप-सत्रों में बिना स्थगन के कार्यवाही का समय 69 घंटे 20 मिनट रहा, जबकि सदन को 3 घंटे 36 मिनट के लिए स्थगित किया गया।
सदन का समापन और अध्यक्ष का आभार व्यक्त
सत्र के समापन पर विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने सभी दलों के नेताओं का आभार व्यक्त किया।
संसदीय कार्य मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने कहा कि विधायकों को अपने क्षेत्रों में जो भी वादे किए हैं, उन्हें पूरा करना चाहिए, अन्यथा उनकी विश्वसनीयता कम हो जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि विधायकों को लाइब्रेरी में जाकर अध्ययन करना चाहिए, क्योंकि जितनी अधिक जानकारी होगी, वे उतनी ही प्रभावी रूप से अपनी बात रख सकेंगे।