लालू यादव ने बेटे तेज प्रताप को “नैतिक मूल्यों की अनदेखी” के लिए पार्टी से निष्कासित किया!
तेज प्रताप यादव का पार्टी से निष्कासन: नैतिकता और पारिवारिक मूल्यों का सवाल
सामाजिक मीडिया पोस्ट से शुरू हुआ विवाद
हाल ही में राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के नेता तेज प्रताप यादव के एक सामाजिक मीडिया पोस्ट ने तूफान खड़ा कर दिया। इस अब हटाए गए फेसबुक पोस्ट में तेज प्रताप ने एक महिला, अनुष्का यादव के साथ अपनी तस्वीर साझा की थी, जिसमें उन्होंने दावा किया कि वे दोनों पिछले 12 वर्षों से एक-दूसरे को जानते हैं और गहरे प्रेम में हैं। पोस्ट में उन्होंने लिखा, “मैं तेज प्रताप यादव हूं और मेरे साथ इस तस्वीर में दिख रही लड़की अनुष्का यादव है। हम दोनों पिछले 12 साल से एक-दूसरे को जानते हैं और गहरे प्यार में हैं। मैं लंबे समय से यह बात आप सभी के साथ साझा करना चाहता था, लेकिन सही शब्द नहीं मिले। आज इस पोस्ट के माध्यम से मैं अपना दिल आपके सामने खोल रहा हूं।”
इस पोस्ट ने कई सवाल खड़े किए, खासकर इसलिए क्योंकि तेज प्रताप ने 2018 में बिहार के पूर्व मंत्री चंद्रिका राय की बेटी ऐश्वर्या राय से शादी की थी। लोगों ने सवाल उठाया कि अगर तेज प्रताप पहले से ही अनुष्का के साथ रिश्ते में थे, तो उन्होंने ऐश्वर्या से शादी क्यों की। यह ध्यान देने योग्य है कि तेज प्रताप और ऐश्वर्या की शादी कुछ महीनों बाद ही टूट गई थी।
आरजेडी और लालू यादव का कड़ा रुख
इस विवाद के बाद, आरजेडी के संस्थापक और patriarch लालू प्रसाद यादव ने अपने बड़े बेटे तेज प्रताप को पार्टी से छह साल के लिए निष्कासित करने का फैसला किया। लालू यादव ने कहा, “नैतिक मूल्यों की अनदेखी करने से सामाजिक न्याय के लिए हमारी लड़ाई कमजोर होती है। बड़े बेटे की गतिविधियां, सार्वजनिक व्यवहार और गैर-जिम्मेदाराना आचरण हमारे पारिवारिक मूल्यों के अनुरूप नहीं हैं। वर्तमान परिस्थितियों में, मैं उन्हें पार्टी और परिवार से हटाता हूं। अब से उनकी पार्टी और परिवार में कोई भूमिका नहीं होगी।”
लालू यादव ने यह भी स्पष्ट किया कि तेज प्रताप अपने निजी जीवन के फैसले लेने के लिए स्वतंत्र हैं, लेकिन उन्होंने सार्वजनिक जीवन में शालीनता बनाए रखने की वकालत की। उन्होंने कहा, “जो लोग उनसे संपर्क रखना चाहते हैं, वे स्वतंत्र रूप से फैसला ले सकते हैं। मैंने हमेशा सार्वजनिक जीवन में शालीनता की वकालत की है, और परिवार के आज्ञाकारी सदस्यों ने इसका पालन किया है।”
तेज प्रताप का दावा: सोशल मीडिया अकाउंट हैक
पोस्ट के वायरल होने के बाद, तेज प्रताप ने दावा किया कि उनका सोशल मीडिया अकाउंट हैक कर लिया गया था। उन्होंने एक्स पर लिखा, “मेरा सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म हैक कर लिया गया था और मेरी तस्वीरों को गलत तरीके से संपादित किया गया।” इसके तुरंत बाद वह पोस्ट हटा दी गई, लेकिन तब तक यह विवाद सुर्खियों में आ चुका था।
परिवार और पार्टी की प्रतिक्रिया
तेज प्रताप के छोटे भाई और आरजेडी के प्रमुख चेहरों में से एक तेजस्वी यादव ने इस मामले पर अपनी राय रखी। उन्होंने कहा, “जहां तक मेरा सवाल है, ऐसी चीजें बर्दाश्त नहीं की जा सकतीं। हम अपना काम कर रहे हैं, बिहार के लिए समर्पित हैं और लोगों के मुद्दे उठा रहे हैं। मेरे बड़े भाई के मामले में, राजनीतिक जीवन और निजी जीवन अलग-अलग हैं। उनके निजी फैसले लेने का अधिकार है। वह वयस्क हैं और अपने फैसले लेने के लिए स्वतंत्र हैं। हमारे पार्टी प्रमुख ने यह स्पष्ट कर दिया है।”
लालू यादव की बेटी रोहिणी आचार्य ने भी इस मामले पर टिप्पणी की। उन्होंने कहा, “जो लोग ‘परिवार’, ‘संस्कार’ और ‘शालीनता’ को ध्यान में रखते हैं, उन्हें कभी सवालों का सामना नहीं करना पड़ता। जो लोग शालीनता को छोड़कर हदें पार करते हैं, वे खुद को आलोचना का विषय बना लेते हैं।”
बिहार विधानसभा चुनाव से पहले आरजेडी की किरकिरी
तेज प्रताप का यह सोशल मीडिया पोस्ट और उनके निजी जीवन को लेकर उठा विवाद आरजेडी के लिए उस समय शर्मिंदगी का कारण बना, जब पार्टी इस साल के अंत में होने वाले बिहार विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुटी हुई है। इस घटना ने न केवल पार्टी के भीतर बल्कि जनता के बीच भी कई सवाल खड़े किए हैं।
तेज प्रताप यादव का पार्टी से निष्कासन और उनके निजी जीवन को लेकर उठा विवाद न केवल उनके परिवार और पार्टी के लिए, बल्कि बिहार की राजनीति के लिए भी एक महत्वपूर्ण घटना है। यह देखना दिलचस्प होगा कि इस निष्कासन का आरजेडी की चुनावी रणनीति और तेज प्रताप के राजनीतिक भविष्य पर क्या प्रभाव पड़ता है।