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Kajol REVEALS She Would NOT Say YES To ‘DDLJ 2’

Kajol

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kajol indian actress
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काजोल, बॉलीवुड की सबसे प्रतिष्ठित और बहुमुखी अभिनेत्रियों में से एक, तीन दशकों से अपने अनूठे आकर्षण, भावपूर्ण अभिनय और बेबाक व्यक्तित्व से दर्शकों को मोहित कर रही हैं। दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे (डीडीएलजे) में उनकी सिमरन की प्रतिष्ठित भूमिका से लेकर नई शैलियों में उनके साहसिक कदम तक, Kajol ने भारतीय सिनेमा पर एक अमिट छाप छोड़ी है। यह विस्तृत ब्लॉग उनके जीवन के हर पहलू को समेटता है – उनकी शुरुआती शुरुआत, करियर की ऊंचाइयां और नाकामियां, संपत्ति, व्यक्तिगत दर्शन, डीडीएलजे के सीक्वल को ठुकराने के कारण, आगामी प्रोजेक्ट्स और भारतीय सिनेमा पर उनका स्थायी प्रभाव। उनके शीर्ष फिल्मों, असफल फिल्मों, पुरस्कारों और बहुत कुछ के विस्तृत विवरण के साथ, यह काजोल की उल्लेखनीय यात्रा को समझने के लिए एक पूर्ण मार्गदर्शिका है।

प्रारंभिक जीवन और सिनेमाई जड़ें

5 अगस्त 1974 को मुंबई, भारत में जन्मीं काजोल मुखर्जी का जन्म एक सिनेमाई परिवार में हुआ था। उनकी मां तनुजा मेम-दिदी (1961) जैसी फिल्मों के लिए जानी जाने वाली एक मशहूर अभिनेत्री थीं, जबकि उनकी नानी शोभना समर्थ ने राज कपूर के साथ आर.के. फिल्म्स की स्थापना की थी। उनकी मौसी नूतन पांच बार की फिल्मफेयर सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री विजेता थीं। इस विरासत के बावजूद, काजोल ने 2025 में न्यूज़18 राइजिंग भारत समिट में बताया कि उन्होंने अपना उपनाम हटाने का फैसला किया: “मैं खुद के प्रति सच्ची रहना चाहती थी और मैं वंशावली का बोझ नहीं चाहती थी… ताकि शायद मुझ पर ज्यादा दबाव न हो।” इस निर्णय ने उन्हें तुलनाओं से मुक्त होकर अपनी पहचान बनाने की अनुमति दी।

काजोल की प्रारंभिक शिक्षा पंचगनी, महाराष्ट्र के सेंट जोसेफ कॉन्वेंट स्कूल में हुई, लेकिन उन्होंने 17 साल की उम्र में पढ़ाई छोड़कर अभिनय को चुना। उनकी पहली फिल्म बेखुदी (1992) थी, जिसने ज्यादा सफलता नहीं पाई, लेकिन उनके कच्चे अभिनय ने ध्यान खींचा।

करियर की शुरुआत और सफलता

Kajol की पहली फिल्म बेखुदी (1992) एक रोमांटिक ड्रामा थी, जिसने ज्यादा प्रभाव नहीं छोड़ा, लेकिन उनके अभिनय ने आलोचकों का ध्यान खींचा। उनकी असली सफलता 1993 में बाज़ीगर से मिली, जिसमें उन्होंने शाहरुख खान के साथ प्रिया की भूमिका निभाई। यह फिल्म उनकी और शाहरुख की जोड़ी की शुरुआत थी, जो बॉलीवुड की सबसे पसंदीदा जोड़ियों में से एक बन गई। ये दिल्लगी (1994) और गुंडा राज (1995) ने उनकी बहुमुखी प्रतिभा दिखाई, लेकिन डीडीएलजे ने उन्हें सुपरस्टार बनाया।

डीडीएलजे की विरासत और सीक्वल से इनकार

kajol indian actress
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दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे (1995), आदित्य चोपड़ा द्वारा निर्देशित, न केवल एक फिल्म है, बल्कि एक सांस्कृतिक मील का पत्थर है। Kajol ने इसमें सिमरन और शाहरुख खान ने राज की भूमिका निभाई। यह यूरोप की छुट्टियों के दौरान दो एनआरआई के प्यार और सांस्कृतिक परंपराओं से जूझने की कहानी है। फिल्म के प्रतिष्ठित दृश्य – ट्रेन पर राज का हाथ बढ़ाना, तुझे देखा तो गाना, और सिमरन का “बाऊजी, जाने दो” – बॉलीवुड की अमर कहानियों में शामिल हैं। 2025 तक, डीडीएलजे भारतीय सिनेमा की सबसे लंबे समय तक चलने वाली फिल्म है, जो मुंबई के मराठा मंदिर में 29 साल से अधिक समय से चल रही है। 2024 में, इसे लंदन के लेस्टर स्क्वायर में “सीन्स इन द स्क्वायर” ट्रेल में पहली भारतीय फिल्म के रूप में कांस्य प्रतिमा मिली, और 2023 के वैलेंटाइन डे री-रिलीज़ ने ₹12 लाख की कमाई की।

इसके बावजूद, काजोल ने डीडीएलजे के सीक्वल को स्पष्ट रूप से ठुकरा दिया है। 2025 में पिंकविला को दिए साक्षात्कार में उन्होंने कहा, “मैं डीडीएलजे 2 की कल्पना नहीं कर सकती। ट्रेन के बाद क्या हुआ? किसी को जानना भी नहीं है। क्या आप वाकई जानना चाहते हैं कि वे डायपर पर लड़े थे या नहीं? आप नहीं जानना चाहते। यह अद्भुत है कि यह अंत में छोड़ दिया गया। ट्रेन चली गई। द एंड, शानदार।” वह मानती हैं कि फिल्म का जादू इसके खुले अंत में है, और सीक्वल इसकी विरासत को कमजोर कर सकता है। निर्देशक सुपर्ण वर्मा ने 2025 में कहा कि आज के संदर्भ में सिमरन का किरदार अलग होगा, जिससे सीक्वल रचनात्मक रूप से अनावश्यक है। काजोल का यह रुख उनकी कला के प्रति सम्मान को दर्शाता है।

काजोल की संपत्ति और व्यावसायिक उपक्रम

Kajol की कुल संपत्ति $20–30 मिलियन (लगभग ₹150–225 करोड़) आंकी गई है, जो उनके अभिनय, विज्ञापनों और व्यावसायिक उपक्रमों से आई है। वह प्रति फिल्म ₹3–5 करोड़ लेती हैं और व्हर्लपूल, याकुल्ट और ओले जैसे ब्रांड्स से कमाई करती हैं। अपने पति अजय देवगन के साथ, वह डेवगन फिल्म्स की सह-मालिक हैं, जिसने सिंघम, तान्हाजी: द अनसंग वॉरियर (2020) और शैतान (2024) जैसी हिट फिल्में बनाईं। दंपति के पास मुंबई और लंदन में रियल एस्टेट निवेश और एनवाई सिनेमाज़, एक मल्टीप्लेक्स चेन में हिस्सेदारी है।

Kajol की संपत्ति उन्हें एक शानदार लेकिन संतुलित जीवन शैली देती है। वह मुंबई के “शिवशक्ति” बंगले में रहती हैं और बीएमडब्ल्यू एक्स7 और ऑडी क्यू7 जैसी कारों की मालिक हैं। फिर भी, वह “धीमी जिंदगी” को अपनाती हैं, जैसा कि उन्होंने 2025 में राइजिंग भारत समिट में कहा: “मैं आलसी होना चुनती हूं। मैं धीमी जिंदगी चुनती हूं। मैं काम के साथ अपनी जिंदगी का आनंद लेना चुनती हूं… मुझे अपनी कॉफी, धीमी सुबहें पसंद हैं।”

शीर्ष फिल्में: काजोल की सिनेमाई उत्कृष्टता

Kajol की फिल्मोग्राफी, हालांकि चुनिंदा (लगभग 50–55 फिल्में), उनकी बहुमुखी प्रतिभा का प्रमाण है। यहाँ उनकी सात शीर्ष फिल्में हैं:

  1. दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे (1995)
    • भूमिका: सिमरन सिंह
    • कहानी: दो एनआरआई की प्रेम कहानी।
    • प्रभाव: सिमरन के रूप में काजोल की भावनात्मक गहराई ने उन्हें आइकन बनाया।
    • बॉक्स ऑफिस: ₹100 करोड़ से अधिक (मुद्रास्फीति समायोजित), वैश्विक हिट।
    • पुरस्कार: फिल्मफेयर सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री।
  2. कुछ कुछ होता है (1998)
    • भूमिका: अंजलि शर्मा
    • कहानी: कॉलेज का प्रेम त्रिकोण और दूसरा मौका।
    • प्रभाव: टॉमबॉय से परिपक्व महिला तक काजोल का परिवर्तन प्रतिष्ठित था।
    • बॉक्स ऑफिस: ₹80 करोड़ विश्वव्यापी।
    • पुरस्कार: फिल्मफेयर सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री।
  3. कभी खुशी कभी गम (2001)
    • भूमिका: अंजलि शर्मा रायचंद
    • कहानी: परिवार, प्रेम और सुलह की कहानी।
    • प्रभाव: काजोल की जीवंत भूमिका ने फिल्म को भावनात्मक बनाया।
    • बॉक्स ऑफिस: ₹135 करोड़ विश्वव्यापी।
    • पुरस्कार: फिल्मफेयर सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री के लिए नामांकन।
  4. फना (2006)
    • भूमिका: ज़ूनी अली बेग
    • कहानी: एक अंधी कश्मीरी लड़की और आतंकवादी की प्रेम कहानी।
    • प्रभाव: काजोल का संवेदनशील अभिनय प्रशंसित।
    • बॉक्स ऑफिस: ₹100 करोड़ विश्वव्यापी।
    • पुरस्कार: फिल्मफेयर सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री।
  5. माई नेम इज़ खान (2010)
    • भूमिका: मंदिरा राठौड़
    • कहानी: 9/11 के बाद एक मुस्लिम व्यक्ति की यात्रा।
    • प्रभाव: काजोल की भावनात्मक गहराई ने फिल्म को प्रभावशाली बनाया।
    • बॉक्स ऑफिस: ₹200 करोड़ विश्वव्यापी।
    • पुरस्कार: फिल्मफेयर सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री के लिए नामांकन।
  6. दुश्मन (1998)
    • भूमिका: सोनिया/नैना सैगल (दोहरी भूमिका)
    • कहानी: अपनी जुड़वां बहन की हत्या का बदला।
    • प्रभाव: काजोल की दोहरी भूमिका ने उनकी रेंज दिखाई।
    • बॉक्स ऑफिस: ₹13 करोड़, मध्यम सफलता।
    • पुरस्कार: फिल्मफेयर क्रिटिक्स सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री।
  7. गुप्त: द हिडन ट्रुथ (1997)
    • भूमिका: शिव नाथ
    • कहानी: एक व्यक्ति पर हत्या का इल्ज़ाम।
    • प्रभाव: सहायक भूमिका में काजोल का दमदार अभिनय।
    • बॉक्स ऑफिस: ₹18 करोड़, हिट।
    • पुरस्कार: फिल्मफेयर सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेत्री के लिए नामांकन।
असफल फिल्में: काजोल की राह में ठोकरें

काजोल का करियर असफलताओं से अछूता नहीं रहा। यहाँ पांच फिल्में हैं जो दर्शकों को प्रभावित नहीं कर पाईं:

  1. बेखुदी (1992)
    • भूमिका: राधिका
    • कहानी: प्रेम त्रिकोण की कहानी।
    • असफलता का कारण: कमज़ोर कहानी और खराब मार्केटिंग।
    • बॉक्स ऑफिस: नगण्य कमाई।
  2. उधार की ज़िंदगी (1994)
    • भूमिका: सीता
    • कहानी: परिवार और बलिदान की कहानी।
    • असफलता का कारण: धीमी गति और पुरानी कहानी।
    • बॉक्स ऑफिस: कमज़ोर कमाई।
  3. यू मी और हम (2008)
    • भूमिका: पिया
    • कहानी: अल्ज़ाइमर से जूझता एक जोड़ा।
    • असफलता का कारण: भारी थीम और असमान गति।
    • बॉक्स ऑफिस: ₹40 करोड़ के बजट के मुकाबले ₹30 करोड़।
  4. हेलीकॉप्टर ईला (2018)
    • भूमिका: ईला रायटुरकर
    • कहानी: मां-बेटे की कॉमेडी-ड्रामा।
    • असफलता का कारण: कमज़ोर स्क्रिप्ट।
    • बॉक्स ऑफिस: ₹25 करोड़ के मुकाबले ₹10 करोड़।
  5. ताकत (1995)
    • भूमिका: कविता
    • कहानी: परिवार और बदले की कहानी।
    • असफलता का कारण: घिसा-पिटा प्लॉट।
    • बॉक्स ऑफिस: खराब कमाई।
पुरस्कार और सम्मान

Kajol को उनके अभिनय के लिए कई पुरस्कार मिले हैं। वह नूतन के साथ सबसे ज्यादा फिल्मफेयर सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री पुरस्कार (छह) जीतने वाली अभिनेत्री हैं:

उन्हें माई नेम इज़ खान जैसे सामाजिक फिल्मों के लिए कर्मवीर पुरस्कार (2008) भी मिला।

आगामी प्रोजेक्ट्स: नई दिशाएं

काजोल के हालिया और आगामी प्रोजेक्ट्स उनकी प्रयोग करने की इच्छा को दर्शाते हैं। 2025 में राइजिंग भारत समिट में उन्होंने कहा, “डिजिटल प्लेटफॉर्म ने महिलाओं के लिए अवसरों का दायरा बढ़ाया है।” उनके प्रोजेक्ट्स में शामिल हैं:

व्यक्तिगत जीवन: परिवार, मूल्य और सार्वजनिक छवि
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1999 से अजय देवगन से शादीशुदा Kajol की दो संतानें हैं – बेटी न्यासा (2002) और बेटा युग (2010)। 2025 में राइजिंग भारत समिट में उन्होंने न्यासा के बॉलीवुड डेब्यू की अफवाहों को खारिज किया: “बिल्कुल नहीं।” काजोल की पेरेंटिंग शैली स्वतंत्रता पर जोर देती है।

उनकी सार्वजनिक छवि बेबाक और मज़ेदार है। 2024 में करवा चौथ पर डीडीएलजे को “करवा चौथ का ओजी” कहने वाला उनका इंस्टाग्राम पोस्ट वायरल हुआ। वह शिक्षा और विधवाओं के सशक्तिकरण के लिए शिखा और लूम्बा फाउंडेशन जैसे चैरिटी को समर्थन देती हैं।

काजोल का सिनेमाई प्रभाव और दर्शन

Kajol का करियर बॉलीवुड की प्रगति को दर्शाता है। सिमरन की बगावत से लेकर फना में ज़ूनी की लचीलापन तक, उन्होंने महिला किरदारों को नया आयाम दिया। उनकी चुनिंदा फिल्मोग्राफी उनके दर्शन को दर्शाती है: “काम मेरे जीवन का हिस्सा होना चाहिए, उससे अलग नहीं।”

विवाद और चुनौतियां

Kajol की बेबाकी ने विवादों को जन्म दिया, जैसे 2016 में करण जौहर के साथ ऐ दिल है मुश्किल और शिवाय के शेड्यूलिंग विवाद। दोनों बाद में सुलह कर चुके हैं। उनकी सीमित फिल्में आलोचना का विषय रही हैं, लेकिन काजोल गुणवत्ता पर जोर देती हैं।

विरासत और भविष्य

काजोल की विरासत प्रामाणिकता और प्रभाव की है। वह बॉलीवुड के स्वर्ण युग और डिजिटल युग के बीच की कड़ी हैं। विविध प्रोजेक्ट्स और प्रोडक्शन हाउस के साथ, काजोल का प्रभाव डीडीएलजे के ट्रेन दृश्य की तरह अमर रहेगा।

अस्वीकरण: इस ब्लॉग की जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से संकलित है और नवीनतम या पूर्ण डेटा को प्रतिबिंबित नहीं कर सकती। नवीनतम अपडेट के लिए विश्वसनीय मनोरंजन समाचार देखें।

स्रोत:

Ansi

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