आरबीआई ने 10 वर्ष से अधिक आयु के नाबालिगों को स्वतंत्र रूप से बैंक खाते खोलने की अनुमति दी।
RBI allows minors over 10 years to operate bank accounts
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने युवाओं में वित्तीय स्वतंत्रता को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। 21 अप्रैल, 2025 को जारी नए दिशानिर्देशों के अनुसार, 10 वर्ष और उससे अधिक आयु के बच्चे अब स्वतंत्र रूप से बचत और सावधि जमा खाते खोल और संचालित कर सकेंगे। यह निर्णय वित्तीय समावेशन को बढ़ाने और युवाओं में वित्तीय साक्षरता को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से लिया गया है।
प्रमुख बिंदु:
- 10 वर्ष से अधिक आयु के नाबालिगों के लिए स्वतंत्र खाता संचालन:
नए नियमों के तहत, 10 वर्ष से अधिक आयु के नाबालिग बिना अभिभावक की सहमति के अपने खातों का प्रबंधन कर सकेंगे, बशर्ते खाते की शर्तें बैंक की जोखिम प्रबंधन नीतियों के अनुरूप हों। - किसी भी आयु के नाबालिगों के लिए खाता खोलने की सुविधा:
बैंक किसी भी आयु के नाबालिगों को प्राकृतिक या कानूनी अभिभावक के माध्यम से बचत और सावधि जमा खाते खोलने और संचालित करने की अनुमति दे सकते हैं। आरबीआई ने 1976 के अपने पुराने परिपत्र के अनुसार माताओं को अभिभावक के रूप में कार्य करने की अनुमति को पुनः पुष्टि की है। - वित्तीय समावेशन और जोखिम प्रबंधन:
नए दिशानिर्देश 1 जुलाई, 2025 तक लागू करने होंगे। बैंकों को खातों की उचित निगरानी और जांच सुनिश्चित करनी होगी। खातों का संतुलन हमेशा सकारात्मक (शून्य से नीचे नहीं) रहना चाहिए। - अतिरिक्त बैंकिंग सेवाएं:
बैंक अपनी जोखिम नीतियों और ग्राहक की उपयुक्तता के आधार पर नाबालिगों को इंटरनेट बैंकिंग, डेबिट कार्ड, या चेकबुक जैसी अतिरिक्त सेवाएं प्रदान कर सकते हैं। - वयस्कता प्राप्त करने पर खाता अपडेट:
नाबालिग के वयस्क होने पर, बैंकों को खाता संचालन निर्देशों और हस्ताक्षर नमूनों को अपडेट करना होगा।
पहले की स्थिति:
पहले, आरबीआई नाबालिगों को अभिभावक, जैसे माता-पिता या कानूनी अभिभावक के माध्यम से बचत खाते खोलने की अनुमति देता था। अभिभावक ही खाते का संचालन करते थे, और नाबालिग स्वतंत्र रूप से खाता प्रबंधन नहीं कर सकते थे, जब तक कि वे वयस्कता की आयु (आमतौर पर 18 वर्ष) तक नहीं पहुंच जाते। नाबालिगों के खातों पर डेबिट कार्ड या इंटरनेट बैंकिंग जैसी सुविधाएं आमतौर पर उपलब्ध नहीं थीं।
यह नया कदम न केवल बच्चों को वित्तीय जिम्मेदारी सिखाने में मदद करेगा, बल्कि बैंकिंग प्रणाली को युवा ग्राहकों के लिए अधिक समावेशी और आकर्षक बनाएगा। बैंकों को यह सुनिश्चित करना होगा कि वे इन खातों को सुरक्षित और नीतियों के अनुरूप संचालित करें।